शर्मनाक: मेडिकल सेंटर से गर्भवती को भगाया, सड़क पर शिशु का जन्म
सेहतराग टीम
कहते हैं गर्भवती महिला को सबसे अधिक देखभाल की जरूरत होती है और ये देखभाल उसे परिवार और समाज दोनों से मिलनी चाहिए। मगर लगता है कि हमारे देश के मेडिकल प्रोफेशनल्स ने संवदेनशीलता को बिलकुल तिलांजलि दे दी है। गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों में भर्ती न करने की खबर हम पहले भी सेहतराग पर देते रहे हैं और इस बार का ये शर्मनाक वाकया योगी आदित्यनाथ के शासन वाले उत्तर प्रदेश में हुआ है जहां आगरा के पिनाहट में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से प्रसूता को भगा दिया गया। बेबस प्रसूता ने सड़क पर शिशु को जन्म दिया।
क्षेत्र के गांव सेरब निवासी गर्भवती महिला सुमन पत्नी छविराम को शुक्रवार की रात प्रसव पीड़ा हुई तो पति छविराम और उसकी मां सुमन को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। परिजनों का आरोप है कि वहां काफी देर बाद नर्स आई। शिकायत करने पर उसने परिजनों को धमकाते हुए गर्भवती सुमन को एक थप्पड़ रसीद कर दिया। सुमन की सास और परिजनों ने हंगामा किया तो गर्भवती महिला सहित परिजनों को नर्स स्टाफ ने डांट कर अस्पताल से भगा दिया।
छविराम अपनी पत्नी सुमन को लेकर जाने लगा तभी अस्पताल के बाहर सड़क किनारे सुमन को तेज दर्द हुआ और उसने सड़क किनारे ही शिशु को जन्म दिया।
इस शर्मनाक घटना के बारे में माफी मांगना या खेद जताना तो दूर स्वास्थ्य विभाग नर्स की गलती मानने तक को तैयार नहीं है। इस संबंध में आगरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर वीरेंद्र भारती जांच कराने की बात कह रहे हैं। उनका दावा है कि स्वास्थ्य विभाग जनता की सेवा कर रहा है। किन हालातों में गर्भवती के साथ यह घटना हुई, इसके संदर्भ में जांच करायी जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
फाइल फोटो
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